चौरचन पूजा चंद्र देव की क्विज़

चौरचन पूजा चंद्र देव की क्विज़ – पूजा तिथि, महत्व, पूजा विधि और मुहूर्त 2023

जानिए 2023 में चौरचन पूजा चंद्र देव क्विज़ के सवालों के सही उत्तर! पूजा तिथि, महत्व, पूजा विधि, और शुभ मुहूर्त के साथ चंद्र देव के पूजन संबंधित जानकारी प्राप्त करें।

Must Check Your IQ for blessing of Lord Vishwakarma हिंदी में IQ टेस्ट

चौरचन पूजा चंद्र देव क्विज़

चौरचन पूजा चंद्र देव की क्विज़

Chaurchan Puja Chandra Dev Ji Ki Quiz


Must Login before quiz for
a. Download Certificate from Dashboard
b. Get Point for Rank.
c. Earn Reward Point from referring and quiz comments

1 / 5

Chaurchan Puja का महत्व क्या है?

2 / 5

Chaurchan Puja करने का क्या महत्व है?

3 / 5

Chaurchan Puja Chhath Puja से कैसे अलग है?

4 / 5

Chaurchan Puja के दौरान मुख्य अभिषेक क्या किया जाता है?

5 / 5

मिथिला पंचांग के अनुसार Chaurchan Puja कब है?

Score card of Quiz

Pos.NameScorePoints
1YASHRAJ BIRAJDAR80 %4
2Bheema Bhat80 %4
3Imesh bawri Imesh bawri80 %4
4Ch.vslyvaishika40 %2
5V.Akshitha20 %1

Yes! Play Saturday Puja Vrat Quiz from weekly quiz

Get Certificate Instantly for Share on social media and change WhatsApp Status for show your faith and religious knowledge.

चौरचन पूजा का महत्व

छठ पूजा में सूर्य देव की पूजा जाती है। वहीं, चौरचन में चंद्र देव की पूजा की जाती है। इस पूजा में भी छठ पूजा की तरह संध्याकाल में चंद्र देव को अर्घ्य दिया जाता है। पूरे बिहार में चौरचन का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। साथ ही चंद्र दोष भी दूर होता है।

चौरचन पूजा शुभ मुहूर्त

सनातन पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी। चौरचन पर संध्याकाल में चंद्र देव की पूजा की जाती है। अतः 18 सितंबर को चौरचन मनाया जाएगा।

चौरचन पूजा विधि

इस दिन व्रती ब्रह्म बेला में उठती हैं। इसके पश्चात, भगवान शिव और चंद्र देव को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करती हैं। इस समय से निर्जला उपवास रखा जाता है। वहीं, दिन के समय नाना प्रकार के पूरी-पकवान पकाए जाते हैं। इसके पश्चात, पूरी पकवान और फलों को अर्घ्य हेतु पात्र में सजाया जाता है। वहीं, मिट्टी के बर्तन में दही जमाया जाता है। घर को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध किया जाता है। साथ ही गाय के गोबर से आंगन को लीपकर रंगोली बनाई जाती है। संध्याकाल में व्रती स्नान-ध्यान करने के बाद चंद्र उदय के समय विधि-विधान से पूजा कर अर्घ्य देती हैं। साथ ही चंद्र देव को भोग लगाया जाता है। पूजा स्थल पर ही घर के पुरुष प्रसाद ग्रहण करते हैं। चंद्र देव का दर्शन करने के बाद व्रत पूर्ण होता है।

प्रश्न 1:
Chaurchan Puja का महत्व क्या है?
A) भगवान शिव की पूजा करने के लिए
B) गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाने के लिए
C) चंद्र देव की पूजा करने के लिए
D) सूर्य देव का सम्मान करने के लिए
सही उत्तर: C) चंद्र देव की पूजा करने के लिए

प्रश्न 2:
मिथिला पंचांग के अनुसार Chaurchan Puja कब मनाई जाती है?
A) 19 सितंबर
B) 18 सितंबर
C) 18 अक्टूबर
D) 19 अक्टूबर
सही उत्तर: B) 18 सितंबर

प्रश्न 3:
Chaurchan Puja के दौरान मुख्य अभिषेक क्या किया जाता है?
A) भगवान गणेश को प्रार्थना करने के लिए
B) उपवास और ध्यान
C) चंद्र देव को अर्घ्य देने के लिए
D) एक बोनफायर जलाने के लिए
सही उत्तर: C) चंद्र देव को अर्घ्य देने के लिए

प्रश्न 4:
Chaurchan Puja Chhath Puja से कैसे अलग है?
A) Chaurchan Puja Diwali के दौरान मनाई जाती है।
B) Chaurchan Puja सूर्य देव की पूजा करती है।
C) Chaurchan Puja Bhadrapada Shukla Chaturthi के दौरान मनाई जाती है।
D) Chaurchan Puja में 3 दिन उपवास करना होता है।
सही उत्तर: C) Chaurchan Puja Bhadrapada Shukla Chaturthi के दौरान मनाई जाती है।

प्रश्न 5:
Chaurchan Puja करने का क्या महत्व है?
A) यह शारीरिक और मानसिक भलाइयों को लाता है।
B) यह भगवान शिव की जन्मोत्सव है।
C) यह फसलों के सीजन की शुरुआत को चिह्नित करता है।
D) यह भगवान गणेश को अर्पण करने का त्योहार है।
सही उत्तर: A) यह शारीरिक और मानसिक भलाइयों को लाता है।

Quiz Ranker

Our mission is to make educational content free and accessible to everyone. We create quizzes and study materials for both students and professional

0 0 votes
Post Rating
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x